अयोध्या के समान ,इंदौर में बना राम मंदिर


अयोध्या के समान ,इंदौर में बना राम मंदिर

मंदिर निर्माण मे मुस्लिमों की रही भागीदारी


इन दिनों कहीं भी अयोध्या का नाम आते ही , सिर्फ एक ही भाव सभी भारतीयों के मन में आता है और वह है आने वाली 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर में होने वाली रामलला की । भव्य और अलौकिक प्राण प्रतिष्ठा यह दिन जैसे-जैसे पास आ रहा है वैसे-वैसे लोगों का उत्साह बढ़ता ही जा रहा है। आस्था और उत्साह की ऐसी ही एक झलक सामने आई मध्य प्रदेश के इंदौर से जहां भगवान राम की भक्ति में रमे लोगों ने लोहे की कतरन से राम मंदिर की प्रतिकृति बना डाली राम मंदिर की यह रेप्ट बिल्कुल वैसी ही है जैसा मंदिर अयोध्या में भगवान राम का बन रहा है ।

जहां अयोध्या के राजा राम बस कुछ ही दिनों में विराजमान होने वाले हैं सर जो अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है यह हुबहू उसकी एक रिप्लिका है सेम उसी डिजाइन पर बना है और उसी तर्ज पर बना है और इसमें जो आयरन वेस्ट का यूज किया गया है वह 21 टन है कहां से य मिला था सर यह नगर निगम से हमें प्रोवाइड कर कराया गया था क्या क्या है इसमें सर ट्रक के चेचेरे हुए विद्युत के विद्युत विभाग के पोल हुए उसके बाद झूले हुए और इसी तरह के सभी मटेरियल थे ये मंदिर कहां पर किस जगह स्थापित किया गया है और कब तक बनेगा कितने दिन में काम हुआ सर ये अभी विश्राम भाग है जहां पर प्रॉपर स्थापित य यहीं पर रहेगा कहीं नहीं जाएगा और इसका जैसे ही इनॉगरेशन की डेट वो मेयर साहब की तरफ से आएगी ये कितने दिनों में बना है कितने लोगों ने बनाया और कौन-कौन है इसमें कारगर सर यह बना है तीन से साढ़े महीने में लोकेशन फाइनल करने से लेकर एंड तक ।

सजावट करना है बाकि

अभी तक के लिए और इसका मात्र 10 दिन का काम बाकी रह गया जिसमें लाइट इंस्टॉलेशन और कोडिंग है बाकी और कुछ नहीं है के का ये सर जैसे अलग-अलग राज्यों से हैं जैसे कुछ यूपी से हैं कुछ दिल्ली से हैं और सभी ने यहीं रहकर तीन महीनों तक रहकर काम किया इसमें इनके नाम मुस्लिम है हां सर कुछ मुस्लिम है कुछ पिंटू है मतलब हिंदू हैं जैसे पिंटू हुए ऐसे करके सभी ने मिलकर काम किया है सर कितने मुस्लिम कारगर है समथिंग सात मुस्लिम कारीगर है तो ये बनाने का उद्देश्य क्या था ये आईडिया कहां से आया सर ये सबसे पहली सोच मेयर साहब की थी कि जैसे जैसे अयोध्या में राम मंदिर बन रहा है उसी तर्ज पर इंदौर में भी कुछ हो हमारे पास उसको लेकर उन्होंने हमारे बड़े भैया उज्जवल सिंह सोलंकी और हम मुझसे बात की थी फिर व वहीं से उन्होंने मटेरियल दिया इसमें आपका कुछ आपका क्या रोल है इसमें सर इसकी मतलब डिजाइनिंग और जो मतलब उसको डिजाइन करने में सारी चीजें को करने में वो हमारी तरफ से से था मटेरियल केवल वहां से आया था अच्छा पहले भी आपने इस तरह का वेस्ट मटेरियल से कुछ बनाया नहीं नहीं सर ये हमारा पहला प्रोजेक्ट था मंदिर अभी कंप्लीट नहीं हुआ है तो किस तरह से डिजाइन में दिक्कत आई आपको अयोध्या का जो ओरिजिनल मंदिर है नहीं सर वो अयोध्या के ओरिजिनल मंदिर है जो बेसिकली डिजाइन चलती आ रही है उसी तरज पर कुछ डिजाइन फाइनल करके किया गया है ।

नक्काशी मे रखा गया है ध्यान

अच्छा ये आसपास जो पाउंड एक बना हुआ है नदी टाइप छोटी सी यही क्यों चुना क्योंकि सर देखा जाए तो अयोध्या में भी एक सरयू नदी है तो मेयर साहब का भी कहना था कि जैसे यह लोकेशन बेस्ट रहेगी इस चीज के लिए 21 टन लोहे की कतरन से तैयार हुई राम मंदिर की यह प्रतिकृति इंदौर के मेयर की सोच से शुरू हुई आस्था और भक्ति की इस अद्भुत कलाकृति के निर्माण में दिल्ली और उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों के कुशल कारीगर दिन रात लगे हुए हैं जिनका उद्देश्य इसे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरी तरह से तैयार करने का है ।


उतरकाशी में फंसे मजदूरो से आया Major update 


उतरकाशी में फंसे मजदूरो से आया Major update

टनल में फंसे बेटे के लिए ने पिता ने कह दी बड़ बात

लगातार 41 कर्मवीर को बचाने की जद्दोजहद चल रही है ऐसे में परिवार जन जो अंदर फंसे लोग हैं उनका इंतजार कर रहे हैं हमारे साथ मौजूद हैं ऐसे एक परिवार जन मैं आपसे जानना चाहूंगा क्या लग रहा है कैसी उम्मीदें हैं अब हमको तो यह लग रहा है देर पर देर होती जाती है और यही है कि हमारी इच्छा कि जल्दी आ जाए भी वक्त है और टाइम पर टाइम बीता जाता रहा जा रहा है अगर काम भी जारी है चल रहा है तो देर तो लगती ही है कि आगे एलजी सरिया गाटर पर गए इसलिए देर हो गई नहीं दो दिन पहले निकल सकते थे अच्छा अच्छा ये बताइए खाने की लेके या उनकी तबीयत ठीक है। आपकी अगर बात हुई है तो क्या-क्या बातें हुई हैं कैसा इंतजार चल रहा है घर में थोड़ा सा उसके बारे में बताइए इंतजार वो वही यहां से बात करते हैं तो कहते हैं ।

हां ठीक है आप ठीक हो खाए पिए रहना अपना ख्याल रखना हम यहां ठीक हैं अच्छे हैं और आप भी घर पर फोन करना वो अच्छे आप ये अच्छे हो तो हमने कहा बेटा आप अच्छे हो तो यहां पर अच्छे हम अच्छा ये बताइए जैसे ना देर हो रही है काफी भावनात्मक मामला है आपको भी बहुत ज्यादा इंतजार है क्या कर सकते हैं कि यही है दुआ कि मालिक ऐसी घड़ी लाए कि जल्दी आ जाए तो देर जितनी हुई है तो देर की जीत हो जाएगी कहां देर लगी मगल आत हो गई अच्छा कौन सी बातें अपने बेटे की बहुत ज्यादा घर परिवार वाले आपके मिस कर रहे हैं यही है कि हमारा एक बेटा ही बचा है उसको नहीं खोना चाहते एक बेटा तो खो चुके हैं कैसे कैसे क्या हुआ था वो बंबई में बरज का काम करता था वहां स्पेयर हुआ लोग गांव के लड़के जो जाते थे खास रिश्तेदार हमारे थे हमने भरोसा उन पर किया कि यहां काम करके कराक आ जाते हैं फिर वहां नीचे कुछ कहने लगे प्लेट उठाता था ऊपर से बंडल गिरा तो क्या क्या लगता है कुछ इस तरह का डर आपको यहां पर भी लग रहा है क्या नहीं डर हमको कुछ नहीं लग रहा है जल्दी आ जाए बस यही हमारी जिद है कि जल्दी आ जाए ।

जानिए Reporters ने क्या कहा

यही हमारी भावना है परिवार वाले क्या कह रहे हैं घर में उनकी माता जी का क्या कहना है कि हमारा बेटा जल्दी आ दुआ कर रही है वही बस रात दिन बैठी है और क्या करें क्या लग रहा है कब तक आ जाएंगे अब इसका भगवान जाने कि इसे टाइम को ऊपर वाला ही जा परेशानी तो नहीं है ना कुछ अंदर नहीं परेशानी तो नहीं बताया हमको नहीं बताया हमने कहा हौसला बढ़ाए रखना इधर हम देख घर बकरी देख अब जैसे देखिए कई प्लान चल रहे हैं ऊपर से भी नीचे से भी दाए से बाए से तो उसमें क्या लग रहा है आपको ये सब हमने बताया बेटे से सब जारी है काम चल रहा है सब बोला फिर वो वो कहने लगा ठीक है पापा जी अ हम बाहर निकलेंगे तब बात करेंगे अच्छा उसे पता है कि इधर से 10 मीटर बचा है सिर्फ व क्यों नहीं पता होगा पलपल खबर मिलती रहती है हम चलिए ठीक है ।

निष्कर्ष

तो देखिए ये थे चौधरी जिनका नाम चौधरी है और ये परिजन हैं और उनका सीधे रूप से कहना है कि पलपल की खबर अंदर में मिल रही है और लगातार परिवार वाले उनका इंतजार कर रहे हैं पहले बेटे को खो दिया था एक एक्सीडेंट में दूसरे को बिल्कुल भी नहीं खोना चाहते एक नई होप एक नई ऊर्जा और एक नई आशा के साथ एक बार फिर उन्हें इंतजार है अपने बेटे के आने का और जल्द से जल्द उनका मानना है कि जल्द से जल्द उनका बेटा बेहद जल्द उनके पास होगा। अभिषेक सिन्हा टाइम्स नन ऑफ भारत उत्तर काशी।