रामस्नेही संप्रदाय के पीठाधीश्वर आचार्य रामदयाल महाराज ने गुरुवार को रामनिवास धाम में साहित्यकार विष्णुदत्त शर्मा 'विकल' की नवकृति 'चाणक्य भाव दोहे' नामक पुस्तक का विमोचन किया। आचार्य ने कहा कि चाणक्य की चिंतन विचारधारा यथार्थवाद और व्यावहारिकता की भावना का प्रतीक है। यह लोगों को जीवन एवं समाज की सच्चाइयों को स्वीकार करने एवं समझने के लिए प्रोत्साहित करती है। आचार्य ने कहा कि सनातन धर्म को समझने के लिए चाणक्य को पढ़ना आवश्यक है। चाणक्य नीति मनुष्य को जीवन में सफल बनने के लिए प्रेरित करती है। सेवानिवृत्त शिक्षा उपनिदेशक विष्णुदत्त शर्मा ने लाल 'चाणक्य भाव दोहे' पुस्तक की प्रति आचार्य को भेंट की। उनका शॉल ओढ़ा कर अभिनंदन किया। मंच का संचालन गीतकार सत्येंद्र मण्डेला ने किया।

आचार्य_रामदयाल_महाराज_ने_किया_पुस्तक_का_विमोचन

इस दौरान शिक्षा विभाग के पूर्व उपनिदेशक तेजपाल उपाध्याय, साहित्य सृजन कला संगम के अध्यक्ष जयदेव जोशी, संचिना कला संस्थान के रामप्रसाद पारीक, संगीतकार बालकृष्ण बीरा, अर्थशास्त्री अध्यक्ष साबित मंडेला, अनिव्रत सेवा समिति के संगठन मंत्री गोपाल पंचोली, हास्य कवि दीना 'बंटी' , पूर्व इंजीनियर भगवान सिंह यादव, बंशी छीपा, किशनगोपाल गोल्डनकार, यूट्यूब दाधीच आदि उपस्थित थे।